रसोई वह स्थान है जहाँ आपके और आपके घर के सदस्यों के लिए भोजन बनाया जाता है। यह भोजन आपके और परिवार के व्यक्तियों के लिए ऊर्जा का प्रमुख स्रोत होता है। रसोई को अग्नि तत्व के रूप में भी जाना जाता है और जीवन में लाभ और खुशियों को प्राप्त करने के लिए इस तत्व को नियंत्रित रखना महत्वपूर्ण है। वास्तु शास्त्र आपके आस-पास की सकारात्मक ऊर्जा को संतुलित करने का विज्ञान है। वास्तु शास्त्र के अनुरूप रसोई बनाकर आप इस ऊर्जा और तत्व को संतुलित कर सकते हैं। इसके द्वारा घर में सकारात्मक ऊर्जा और सामंजस्य को बढ़ाया जा सकता है।
यदि वास्तु दोषों के कारण, ऊर्जा असंतुलित हो जाती है, तो यह स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं, मानसिक तनाव, परिवार में विवाद और परिवार या शादीशुदा जोड़े के बीच झगड़े, तलाक या अलगाव जैसे नकारात्मक प्रभाव डालती है।
वास्तु शास्त्र की मदद से आप वास्तु दोष के नकारात्मक प्रभावों पर अंकुश लगा सकते हैं। इसके लिए आप रसोई के लिए वास्तु शास्त्र के नियमों को अपना सकते हैं। गुरुजी ने सरल वास्तु सिद्धांतों की स्थापना की है जो इस प्रकार की समस्याओं का समाधान देती है। आपकी रसोई में उत्पन्न असंतुलित ऊर्जा आपके घर और परिवार में बहुत सी समस्याएं पैदा करती हैं। सरल वास्तु की मदद से, आप सही दिशा के माध्यम से कॉस्मिक ऊर्जा से जुड़ सकते हैं, सही दिशा और संरचना द्वारा कॉस्मिक ऊर्जा को संतुलित कर चक्रों को सक्रिय करके कॉस्मिक ऊर्जा को चैनलाइज़ कर सकते हैं।
सरल वास्तु में अनुकूल दिशा परिवार के प्रमुख के जन्म-तिथि से निर्धारित होती है। सरल वास्तु के अनुसार रसोई के लिए वास्तु सभी के लिए एक जैसे नियमों का कोई मानक सेट नहीं है। इसमें दिए जाने वाले समाधान व उपाय व्यक्तिगत होते हैं जो कि व्यक्ति की जन्म-तिथि पर निर्भर करते हैं
ऊर्जा संतुलन और अनुकूल दिशा रसोई के लिए वास्तु उपाय निर्धारित करती है जो एक सरल वास्तु विशेषज्ञ द्वारा सुझाए गए हैं।इसके अनुरूप ही सरल वास्तु वुशेषज्ञ आपकी रसोई के लिए उपयुक्त ऊर्जा संतुलन और अनुकूल दिशा से संबंधित उपाय बताते है।
आप वास्तु के अनुसार रसोई घर बनाने के लिए कुछ वास्तु उपायों का पालन कर सकते हैं। यह वास्तु उपाय, वास्तु दोषों के कारण घर में पैदा होने वाली सभी नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में मदद करते हैं। रसोई के लिए वास्तु के निम्नलिखित उपाय ये हैं: