जब मनुष्य सकारात्मक ऊर्जा से घिरे रहते हैं और वे अपने अनुकूल दिशाओं का पालन करते हैं तब निरंतर खुश रहने के लिए उनके ७ चक्र योग्य दिशासे तथा पूर्ण प्रभारित होते हैं । अपने ७ चक्र खुलने से और स्वस्थ ऊर्जा के प्रवाह की अनुमति से अच्छे स्वास्थ्य तथा सकारात्मक विचारों को बनाए रखने का यह एक प्रभावी उपकरण है । चक्र ऊर्जा को परिवर्तित करनेवाले यंत्र हैं और ऐसे कहा जाता है कि, जिससे अनेक कार्य किए जाते हैं ऐसे विविध ऊर्जा क्षेत्र, शरीर तथा विस्तृत ब्रम्हांडीय ऊर्जाक्षेत्रों को जोडनेवाले विविध रंग की विद्युत ऊर्जा को घुमानेवाले चक्र हैं।
७ चक्र प्रत्यक्ष रूप से अंतःस्रावी (एन्डोक्राईन) ग्रंथी को जोडकर शरीर की सभी प्रक्रियाओं को नियंत्रित करते हैं जिससे उम्र बढ़ने की प्रक्रिया का नियमन होता है । ७ चक्र शरीर के वलयांकित मंडल व भौतिक शरीर के भीतर की मध्यान्ह रेषा और विविध ब्रम्हांडीय बल तथा आभा मंडलों को जोड़नेवाला कार्यतंत्र है । वे शरीर की ऊर्जा प्रवाह को प्रभावित करते हैं । वातावरण से प्राथमिक ऊर्जा को अवशोषित करके साथ साथ ऊर्जा वाहिनीयों को भेजते हैं ।