हमारे समाज में शिक्षा की मुख्यत प्रणाली किताबी ज्ञान को ही माना गया है। इसी ग़लत अवधारणा के कारण बच्चों का चहुँमुखी विकास होने में बाधा आती है। ऐसे में कई बार बच्चा हीन भावना का शिकार हो कर खुद को दूसरों से कम मानने लगता है। इसी के प्रभावस्वरुप उनकी ज़िन्दगी में तनाव बढ़ने लग जाता हैं और इसका मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर दिखता हैं।
आज के बच्चे और युवा पीढ़ी ही हमारे आने वाले भविष्य में उज्जवल समाज की खुशहाली और तरक्की की कुंजी हैं। डॉ. श्री चंद्रशेखर “गुरुजी” का यही मानना है कि आज का वर्तमान ही भविष्य की खुशियों की वजह है। ऐसे में आज के अत्यंत प्रतिस्पर्धा वाले समाज में विद्यार्थियों को मानसिक ,शारीरिक और भावनात्मक रूप से सशक्त और स्वस्थ होने की आवश्यकता है।
डॉ. श्री चंद्रशेखर “गुरुजी” के सरल वास्तु के अनुसार पृथ्वी पर हर स्थान पर प्रचुर मात्रा में कॉस्मिक ऊर्जा का निवास होता हैं। ऐसे में अगर आप सही तरीके से उस उर्जा का उपयोग अपने बच्चे के विकास के लिए करते हैं, तो आपका बच्चा या विद्यार्थी उस सकारात्मक ऊर्जा व उससे होने वाले विकास को अपने घर, छात्रावास या शिक्षास्थल पर भी महसूस कर सकेगा।
सरल वास्तु के द्वारा विद्यार्थी यह जान पाएंगे कि किस तरह से कॉस्मिक ऊर्जा का उपयोग करके अपनी अंदर की क्षमता को बढ़ाकर भविष्य की संभावनाओं को बढ़ाया जा सकता है। आमतौर पर यदि बच्चे में एकाग्रता की कमी या ध्यान न लगना जैसी समस्याएं आ रही है तो इसका मूल कारण उसके घर या शिक्षण संस्थान में ऊर्जा का असंतुलित होना हो सकता हैं। इस ऊर्जा के साथ जुड़ कर, उसे संतुलित कर के उसका उपयोग करना सीख कर बच्चे अपने भविष्य को संवार सकते हैं। सरल वास्तु सिद्धांत इसी कॉस्मिक ऊर्जा के प्रभावी उपयोग पर आधारित है।