रसोई के लिए वास्तु

क्या आपके परिवार को सेहत संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है? और क्या यह आपके परिवार की प्रगति और समृद्धि में बाधा बन रहे है? घर में किचन/रसोईघर हमेशा से ही सकारात्मकता का केंद्र है। वहाँ किसी भी प्रकार का ऊर्जा असंतुलन परिवार पर गलत प्रभाव डालता है। पुराने समय में, सही दिशा की अपेक्षा रसोई घर के बड़े होने पर ज़्यादा ध्यान दिया जाता था।

वास्तु के अनुसार रसोई में गैस, पानी के नल, सिलेंडर आदि सही स्थानों पर रख कर रसोईघर में ऊर्जा को संतुलित बनाये रखा जा सकता है।

सरल वास्तु के सिद्धांतों के द्वारा, आपकी रसोई घर में ऊर्जा के असंतुलन को पैदा करने वाले कारकों की पहचान की जा सकती है। घर की दिशा और संरचना (स्ट्रक्चर) असंतुलित ऊर्जा की जिम्मेदार हो सकती हैं।
आपकी रसोईघर में ऊर्जा को संतुलित किया जा सके इसके लिए सरल वास्तु सिद्धांतों का उपयोग करते हुए घर के मुखिया की जन्म-तारीख के आधार पर उपाय दिए जाते है।

घर की गृहिणी अपना ज्यादातर समय रसोईघर में ही बिताती है। वास्तु के अनुसार भोजन बनने वाले स्थान की दिशा अनुकूल होनी चाहिए। इससे घर की स्त्री का स्वास्थ्य सही रहने के साथ ही वो सक्रिय रहती है।

क्या हो आपके रसोईघर की सही दिशा ?

पुराने समय में वास्तु के अनुसार रसोई का निर्माण होता था। रसोई केवल दक्षिण पूर्व दिशा में ही हो, ऐसी मान्यताओं को बदलते हुए गुरुजी ने सरल वास्तु के सिद्धांतों को बताया।

इन सिद्धांतों के अनुसार रसोईघर की सही दिशा घर के मुखिया की जन्म-तिथि के आधार पर तय की जाती है।

रसोईघर के लिए प्रभावी वास्तु टिप्स

गुरुजी के सरल वास्तु सिद्धांत पर आधारित:

  • रसोईघर में सिंक और गैस स्टोव एक ही लाइन(पंक्ति) में ना हो
  • रसोईघर बेसिन के नल से पानी का रिसाव ना हो
  • रसोईघर हमेशा साफ और स्वच्छ हो
  • रसोई में गैस स्टोव प्रतिदिन साफ हो

गुरुजी के सरल वास्तु सिद्धांतों के द्वारा, रसोई की दिशा व्यक्ति की जन्म तिथि के आधार पर निर्धारित होती है।

रसोईघर के वास्तु से संबंधित सामान्य मिथक :

19 सालो से, गुरूजी ने सरल वास्तु सिद्धांतों के माध्यम से, लाखों अनुयायियों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाला है।

गुरुजी के अनुसार, वास्तु शास्त्र हर व्यक्ति के जन्मतारीख पर आधारित एक विज्ञान है। ये सभी पर एक समान लागू नहीं होता। उदाहरण के लिए, एक ही घर में जहां पिता ने बहुत सारी संपत्ति और प्रसिद्धि अर्जित की , वहीं बेटे को समान सुख व धन लाभ हो, यह आवश्यक नहीं। समान वास्तु नियम सभी पर एक जैसा प्रभाव नहीं डालते।

“गुरुजी” के अनुसार वास्तु से संबंधित सामान्य मिथक:

  • पूजा कक्ष के ठीक नीचे रसोई न हो
  • रसोई के दरवाजे के सामने गैस नहीं रखें
  • दक्षिण पश्चिम में रसोई घर होने से पारिवारिक झगड़े होते हैं
  • उत्तर दिशा रसोई के लिए सबसे खतरनाक है
  • उत्तर पश्चिम में रसोई होने से धन हानि होती है
  • दक्षिण दिशा में रसोई होने से खाना बनाने वाले व्यक्ति व परिवार पर बुरा असर पड़ता है
  • पश्चिम दिशा की ओर मुँह करके खाना बनाने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं
  • रेफ्रिजरेटर को उत्तर पूर्व दिशा में ना रखें