क्या आपके परिवार को सेहत संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है? और क्या यह आपके परिवार की प्रगति और समृद्धि में बाधा बन रहे है? घर में किचन/रसोईघर हमेशा से ही सकारात्मकता का केंद्र है। वहाँ किसी भी प्रकार का ऊर्जा असंतुलन परिवार पर गलत प्रभाव डालता है। पुराने समय में, सही दिशा की अपेक्षा रसोई घर के बड़े होने पर ज़्यादा ध्यान दिया जाता था।
वास्तु के अनुसार रसोई में गैस, पानी के नल, सिलेंडर आदि सही स्थानों पर रख कर रसोईघर में ऊर्जा को संतुलित बनाये रखा जा सकता है।
सरल वास्तु के सिद्धांतों के द्वारा, आपकी रसोई घर में ऊर्जा के असंतुलन को पैदा करने वाले कारकों की पहचान की जा सकती है। घर की दिशा और संरचना (स्ट्रक्चर) असंतुलित ऊर्जा की जिम्मेदार हो सकती हैं।
आपकी रसोईघर में ऊर्जा को संतुलित किया जा सके इसके लिए सरल वास्तु सिद्धांतों का उपयोग करते हुए घर के मुखिया की जन्म-तारीख के आधार पर उपाय दिए जाते है।
घर की गृहिणी अपना ज्यादातर समय रसोईघर में ही बिताती है। वास्तु के अनुसार भोजन बनने वाले स्थान की दिशा अनुकूल होनी चाहिए। इससे घर की स्त्री का स्वास्थ्य सही रहने के साथ ही वो सक्रिय रहती है।