वास्तु शास्त्र में दिशाओं का बहुत महत्व होता है। हर व्यक्ति पर इन दिशाओं का प्रभाव अलग–अलग होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति की 4 अनुकूल और 4 प्रतिकूल दिशाएं होती है जिनका उन पर असर भी भिन्न होता है।
हम अक्सर सुनते है कि किसी के जीवन में एक विशेष दिशा का महत्व होता हैं। वास्तु शास्त्र में पूर्वी मुखी घर के लिए एक सामान्य बात यह सामने आती है कि ऐसे घर के मालिकों के जीवन में समृद्धि और खुशियां भरपूर होती है परन्तु यह बात हमेशा सच हो यह आवश्यक नही हैं।
इसे समझाने के लिए गुरुजी ने सरल वास्तु सिद्धान्तों का परिचय दिया। सरल वास्तु सिद्धांत 3 नियमों का एक सेट है जिसमें दिशा के साथ जुड़ना, संरचना के साथ संतुलन बनाना और चक्रों के साथ उसे चैनलाइज़ करना शामिल है। ये 3 कदम उसके जीवन से प्रतिकूलता को दूर करने के साथ ही किसी घर के नकारात्मक ऊर्जा को हटा कर ऊर्जा के असंतुलन को नियंत्रित करने का भी काम करते हैं।
गुरुजी के अनुसार, ऊर्जा को संतुलित करके हम अपने जीवन में प्रचुरता और आनंद को आमंत्रित कर सकते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार पूर्व मुखी घर इस बात की आश्वासन नहीं देता कि ऐसे घर में रहने से आपको हमेशा ही मनचाहे परिणाम मिलेंगे।
वास्तु शास्त्र, अनुकूल दिशाओं के साथ जुड़ा हुआ एक विज्ञान है। प्रत्येक व्यक्ति की जन्म–तिथि के अनुसार उसकी एक अधिक अनुकूल दिशा होती है। वास्तु शास्त्र सभी के लिए समान सिद्धांत नहीं है यानी एक ही दिशा सभी के लिए शुभ हो या दूसरी दिशा सभी के लिए अशुभ, ऐसा नहीं होता। इसे इस प्रकार समझा जा सकता एक पिता को अपने जीवनकाल में पूर्व मुखी घर में बड़ी सफलता और खुशियां मिली हो परंतु वहीं उसके बेटे को समान दिशा में घर होने पर भी प्रतिकूल प्रभाव ही दिखाई दे रहें हो अतः दोनों के लिए अनुकूल दिशाएं अलग उनकी जान–तिथि से निर्धारित होगी। वास्तु यह बताता है कि सिर्फ समान प्रकार के वास्तु समाधान किसी व्यक्ति के लिए उचित और सही दिशा नहीं बता सकता।
पूर्वी मुखी द्वार भी वास्तु सिद्धान्तों के अनुसार तय किये जाते हैं। आपके जीवन में अच्छे भाग्य को आकर्षित करने के लिए जन्म की तिथि निर्णायक कारक है। यदि आपके सितारे पूर्व–मुख वाले घर को लाभदायक बताते हैं, तो आपको बेहतर परिणाम के लिए पूर्व–मुख वाले घर के अनुसार वास्तु योजना का पालन करना चाहिए।
सरल वास्तु में हम आपको पूर्व मुखी घर के लिए वास्तु के अनुसार परामर्श प्रदान करते हैं और आपकी जन्म तिथि के आधार पर पूर्व मुखी घर की योजना तैयार करते हैं। सरल वास्तु की मदद से, आप ऊर्जा को संतुलित करके और सही वास्तु योजना के साथ वांछित परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।
क्या आप जानते है ?
सरल वास्तु सिद्धांतों को अपनाने के बाद, आप 9 से 180 दिनों के भीतर पूर्व मुखी घर से संबंधित वास्तु समस्याओं को हल कर सकते हैं।
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