अजना चक्र को तिसरी आँख चक्र अथवा भृकुटि चक्र कहा जाता है जो मानवी शरीर का छठा प्राथमिक चक्र है । इसे अंतरस्थ दृष्टी चक्र अथवा छठवाँ चक्र भी कहा जाता है । यह ज्ञान के द्वार खोलकर स्वयं की वास्तविकता को अनुभव करने में मदद करता है इसलिए इसे तिसरी आँख चक्र कहा जाता है ।
प्रतीकात्मक दृष्टी से कमल के साथ दो पंखुडियाँ के रूप में इसे दर्शाया जाता है और यह मानवी चेतना ( धारणा, स्पष्टता और ज्ञान ) और परमात्मा के बीच की विभाजन रेखा है । इस चक्र के द्वारा प्रदान होनेवाली ऊर्जा से स्पष्ट विचार, आत्म चिंतन तथा आध्यात्मिक जागरूकता की अनुमति प्राप्त होती है और उसका मंत्र ` ओम ‘ है ।