आर्थिक रूप से मजबूत व्यवसाय को समाज की रीढ़ माना जाता है। वित्तीय लाभ बढ़ाने के लिए, हम अपने व्यवसाय में हर दिन नई तरह की रणनीतियों को लागू करते हैं। एक व्यवसायी अपनी कंपनी के लिए लाभ देने वाले अवसरों की तलाश करता है। आय बढ़ाने के लिए व्यवसायी आने वाली कमियों व चुनोतियों का सामना करने के लिए सभी संभावित तरीकों को अपनाता है।
लेकिन ज्यादातर समय हम अपने आस-पास की ऊर्जा की उपेक्षा करते हैं जो हमारे व्यापार और पैसे को बेहद प्रभावित करती है। इस ऊर्जा को कॉस्मिक ऊर्जा कहा जाता है। हम इस सर्वव्यापी ऊर्जा से घिरे हैं जो कर्मचारियों और व्यवसाय को लंबे समय तक प्रभावित करती है। इस ऊर्जा में कोई भी असंतुलन हमें अपने संसाधनों का उपयोग करने और अपने कार्यबल के साथ उचित तालमेल बैठाने नहीं देता है। यह लाभ और हानि को भी प्रभावित करता है।
गुरुजी ने अपने 20 वर्षों के गहन वास्तु ज्ञान के द्वारा सरल वास्तु सिद्धांतों को मानव कल्याण के लिए स्थापित किया है। ये सिद्धांत हमें हमारे आसपास की रुकी हुई ऊर्जा को संतुलित करने में मदद करते हैं। व्यवसाय के लिए वास्तु की सहायता से ऊर्जा को सही दिशा में जोड़ने के साथ उसमे संतुलन बनाने और सही रूप से चैनलाइज़ किया जा सकता है।
सरल वास्तु सिद्धान्तों से व्यापार को बढ़ाने में शक्ति मिलती है। इसके द्वारा:
- विभिन्न हितधारकों के बीच अच्छे संबंध सुनिश्चित करें
- व्यवसाय में विकास और लाभ बढ़ाएं
- कार्यक्षेत्र या ऑफिस में सामंजस्य बनाएं
- पेशेवर संबंध सुनिश्चित करें
- ब्रांड की प्रतिष्ठा बढ़ाएं
- दिवालिया व्यवसाय को पुनर्जीवित करें
- कानूनी मामलों को हल करें
वास्तु शास्त्र में व्यवसाय के क्षेत्र को महत्वपूर्ण माना गया है। यह व्यवसाय, स्थान और लोगों का एक संबंध है जिन सभी पर वास्तु दोषों का मिश्रित प्रभाव पड़ता है।मिश्रण है। वास्तु दोषों को कम करके, व्यक्ति अपने व्यवसाय की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाकर अपने जीवन में शक्ति और आर्थिक लाभ को बढ़ा सकता है।
हर व्यवसाय का अपना एक मालिक या मुखिया होता है और कोई व्यवसाय अच्छा प्रदर्शन करेगा या नहीं, यह पूरी तरह से मालिक की जन्म-तिथि पर निर्भर करता है। व्यवसाय के लिए वास्तु विज्ञान में ऐसे कोई निश्चित नियम नहीं है जो सभी पर लागू करने से एक सा परिणाम या फल दें। यदि ऐसे कोई नियम बने होते तो किसी भी व्यवसाय को नुकसान और बंद होने जैसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता। गुरुजी ने अपने सरल वास्तु सिद्धांत में साफ रूप से इसे व्यक्ति की जन्म-तिथि पर आधारित बताया गया हैं।
सरल वास्तु जन्म-तिथि के आधार पर ही किसी व्यक्ति के व्यवसाय के लिए व्यक्तिगत और विशेष वास्तु समाधान प्रदान करता है। जन्म-तिथि ही सही वास्तु समाधान निर्धारित करने के लिए महत्वपूर्ण कारक है।
सरल वास्तु की मदद से आप निम्नलिखित बातें पता कर सकते है:
- ग्राहकों से सकारात्मक प्रतिक्रिया
- बेहतर बिक्री
- अधिक संगठित कार्यालय
- प्रतिबद्ध और खुश कर्मचारी
- आय में वृद्धि
- उत्पादकता में वृद्धि
- नियोक्ता (रिक्रूटर) और कर्मचारी के बीच अच्छा संबंध
- उत्पादन / कारखाने के उत्पादन में वृद्धि
- नाम और प्रसिद्धि
- लंबित कानूनी मुकदमों का हल
- व्यापार बढ़ाने के अच्छे अवसर
- नकदी वसूली के मुद्दों का हल
हालांकि प्रत्येक व्यक्ति के लिए हमेशा विशिष्ट और अलग समाधान होते हैं, फिर भी व्यापार के लिए कुछ वास्तु उपाय हैं जिनका कोई भी व्यक्ति अपने व्यवसायों को सफल बनाने के लिए पालन कर सकता है। व्यवसाय के लिए वास्तु आपको अपने किये गए प्रयास का मनचाहा लाभ और परिणाम प्राप्त करने में मदद करता है।
क्या आप जानते है?
सरल वास्तु सिद्धांतों को अपनाने के बाद, आप 9 से 180 दिनों के भीतर व्यापार से संबंधित वास्तु समस्याओं को हल कर सकते हैं