हमारी बदलती हुई जीवनशैली और गड़बड़ाई दिनचर्या के साथ हमें इस प्रतिस्पर्धा से भरी दुनिया में आगे रहने के लिए अथक प्रयास करने पड़ते हैं। इस भागदोड़ भरी ज़िंदगी में व्यस्त रहने के कारण हम अपने स्वास्थ्य पर सही ध्यान देना एक बड़े समय तक भूल जाते हैं। जिसके दीर्घकालीन परिणाम हमे भविष्य में देखने को मिलते है।
एक अस्वस्थ जीवनशैली जानलेवा बीमारियों जैसे कैंसर, गुर्दे की पथरी, मानसिक बीमारियों, हृदय रोग, सांस की बीमारी और मधुमेह आदि जैसीकई खतरनाक बीमारियों का कारण बनती है। रिकॉर्ड के अनुसार, लगभग 7.5 मिलियन (75 लाख) लोग इस तरह की घातक बीमारियों के कारण अपना जीवन खो देते हैं। ये आँकड़े बड़ी चिंता का विषय हैं।
हमारे समाज में स्वास्थ्य संबंधी ऐसी समस्याएं क्यों हावी हो रही हैं? इसका कारण ऊर्जा असंतुलन है। हम ब्रह्मांडीय ऊर्जा से घिरे हैं जो हमारे जीवन में सकारात्मक परिणामों को निर्धारित करती है। कोई भी नकारात्मक कारक कॉस्मिक ऊर्जा को असंतुलित कर देता है। स्वास्थ्य भी कोई अपवाद नहीं है जो इस असंतुलित ऊर्जा के नकारात्मक प्रभावों से प्रभावित न हो। अच्छे स्वास्थ्य के लिए वास्तु शास्त्र ऊर्जा असंतुलन के इन नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकता है।
गुरुजी ने स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान के लिए सरल वास्तु सिद्धांतों की शुरुआत की है। सरल वास्तु सिद्धांत तीन प्रमुख सिद्धांतों का एक समूह है जिसमें ऊर्जा के साथ जुड़ना, ऊर्जा को संतुलित करना और उसे चैनलाइज़ करना शामिल है। यह क्रमशः दिशा, संरचना और चक्रों में सुधार करके किया जा सकता है। इन 3 चरणों का पालन करके, कोई भी व्यक्ति अपनी इच्छानुसार फलदायक परिणाम प्राप्त कर सकता है। स्वास्थ्य के लिए वास्तु को अपनाने से, बेहतर स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ाया जा सकता है।
वास्तु शास्त्र के व्यापक ज्ञान के साथ, गुरुजी ने समझाया है कि किसी विशेष समस्या के लिए वास्तु समाधान एक समान न होकर प्रत्येक व्यक्ति की जन्म-तिथि पर आधारित है। ठीक उसी तरह से जैसे हर एक स्वास्थ्य परेशानी के लिए एक अलग इलाज़ होता है। इसी प्रकार समान वास्तु समाधान हर व्यक्ति की ज़रूरतों को पूरा नहीं कर सकते हैं। ये वास्तु सिद्धान्तों का एक विशेष सेट नहीं है जो हर किसी पर एक समान कारगर हो। एक पिता कुछ वास्तु समाधानों का उपयोग करके एक बीमारी से उबर गया है लेकिन उन्ही समाधानों के सेट से उसके बेटे को लाभ नहीं हो रहा है। यह स्पष्ट रूप से बताता है कि की समान समाधान समान परिणाम नहीं ला सकते। वास्तु शास्त्र इस प्रकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी जन्म-तिथि के महत्व को इंगित करता है।
अब तक 5 लाख से अधिक लोगो ने अपने जीवन में सरल वास्तु का उपयोग किया है। इनसे होने वाले बदलाव का पूरा श्रेय वो गुरुजी को देते है। स्वास्थ्य के लिए सरल वास्तु ने अब तक 2,10,000 से अधिक लोगों के जीवन को बदला है जो अपने जीवन में कई बीमारियों से जूझ रहे थे। इसी तरह 2,05,000 गंभीर बीमारी से पीड़ित लोग और 85,000 से अधिक मानसिक बीमारियों से पीड़ित लोग, सरल वास्तु के सिद्धांतों से लाभ पा चुके हैं।
सरल वास्तु लोगों को उनकी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए कई तरह से मदद करता है। सरल वास्तु सिद्धांतों के साथ व्यक्ति अपनी आत्म-प्रतिरक्षा (इम्यून सिस्टम) प्रणाली को सक्रिय कर सकते हैं और अपने संपूर्ण स्वास्थ्य और कल्याण को सुनिश्चित कर सकते हैं। सरल वास्तु के लाभ हैं:
- कोई दैनिक अभ्यास नहीं
- आहार या चिकित्सा में कोई बदलाव नहीं
- आपके शरीर में सेल्फ रिकवरी तंत्र को सक्रिय करता है
- स्वास्थ्य और जीवन शक्ति में सुधार करता है
- समग्र परिवार को सक्षम बनाता है
स्वास्थ्य किसी भी व्यक्ति के लिए सबसे महत्वपूर्ण चिंता का विषय होना चाहिए क्योंकि यह आपको जीवन में आने वाली बाधाओं से लड़ने की ऊर्जा देता है। अच्छी सेहत बनाए रखने के लिए कुछ अच्छे स्वास्थ्य वास्तु उपाय अपनाए जा सकते हैं। ये उपाय स्वास्थ्य समस्याओं को कम कर सकते हैं और आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर सकते हैं।
क्या आप जानते हैं ?
सरल वास्तु सिद्धांतों को अपनाने के बाद, आप 9 से 180 दिनों के भीतर अपनी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को हल कर सकते हैं।