उदासी आज की दुनिया की एक कठोर वास्तविकता है। चारों ओर लोग तनावग्रस्त हैं और निराशा में डूब रहें हैं। यह एक मानसिक मसला हैं जिसे हमारे पूर्वजों ने अनुभव किया था लेकिन आज यह बढ़ रहा है। आज तनाव होने के विभिन्न लाक्षणिक कारण हैं और जीवन के अनुभवों की वजह से कोई व्यक्ति निराशा में डूब जाता है, लेकिन हमारे अस्तित्व को भी आज उतनाही दोषी ठहराया जाता है। हम में से अधिकांश लोग सुस्त और नीरस जीवन जीते हैं जो जीवन की दैनिक परेशानियों के साथ स्वाभाविक रूप से रोबोट जैसे हो जाता है। कई स्वप्नहीन तथा वीरक्त हो जाते हैं और जीवन के गहरे अर्थ समझने के लिए विफल होते हैं। काम करनेवाले व्यक्ति अपनी सफलता और खुशी उनकी समाज में स्थिति से मापते हैं। हमारी खुशी का लक्ष्य भौतिकवादी हो गया है और हम अपने भीतर की आध्यात्मिक पहलू को भूल जाते हैं।
निराशा (उदासी) पर विजय प्राप्त करने के लिए कई उपचार हैं या आप जिससे प्यार करते हैं उसे निराशा से बाहर निकालने में मदद करें। लेकिन यहीं युग हैं जब पश्चिमी देश भी उनको समझमें न आनेवाली समस्याओं के समाधान के लिए भारत की ओर देख रहें हैं। इसलिए हम प्राचीन भारत के तरीकों पर ध्यान केंद्रित करेंगे जिनसे निराशा तथा उदासी से होनेवाले विकारों पर काबू पाने में मदद मिल सकती है।
योग – अधिक से अधिक लोगों को योग के लाभ का एहसास हो गया है, जिसे दुनियाभर में मान्यता मिल गई है। घर में निराशा को काबू में लाने का यह सबसे अच्छा तरीका है और इसे आप जब भी कार्यालय में उदास रहेंगे तब कोशिश कर सकते हैं। निराशा को काबू में लाने के लिए कुछ योगा की एक स्थितियाँ है जिसमें पहाड़ की स्थिति में हाथ उपर, सीधे कंधे कुर्सी के साथ खड़े आदि शामिल है।
आयुर्वेदिक उपाय – आयुर्मेद में कई जड़ीबुटीयाँ है जिनसे साबित हो गया है कि उदासी का पूरी तरह से इलाज होता है। इनमें अश्वगंधा, आमला, शतावरी, ब्राम्ही आदि शामिल हैं। आयुर्वेदिक इलाज को शुरू करके तथा प्रक्रिया किए हुए खाद्य को त्यागकर निराशा को दूर करने के लह दी जा सकती है।
वास्तुशास्र – इस शास्र में आपके आवास की सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाकर भीतर की अच्छी ऊर्जा का प्रवाह को प्रेरित करता है। आपके घर और कार्यालय में कुछ छोटे बदलाव करके (हालांकि बड़े बदलावों की आवश्यकता हो सकती है।) आपके मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य पर बड़े प्रभाव प्राप्त कर सकते हैं। योग्य रूप से वास्तुशास्र के सिध्दांतो का अनुसरण करके योग के फायदों में वृध्दि कर सक साथ ही शरीर के चक्रों को खोल सकते हैं।
चक्र साधना – शरीर में होनेवाले सात चक्रों का आपके मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। हालांकि प्रत्येक चक्र को संतुलित करना आवश्यक होता है, उदासी पर काबू पाने के लिए हार्ट (दिल) चक्र संतुलित होना जरूरी है। 7 चक्र प्यार करना और प्यार किए जाने का प्रतिनिधित्व करते हैं। चक्र को खोलने के लिए योग और वास्तु साथ-साथ काम करते हैं।