रात की अच्छी नींद व्यक्ति के अच्छे स्वास्थ्य तथा सर्वांगीण हित को बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है । नींद व्यक्ति के मन तथा शरीर को प्रभारित करनेवाला उपकरण जैसे होता है । सही वक्त पर अच्छी उत्तम नींद मिलने से न सिर्फ शारिरीक तथा मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा होती है बल्कि जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार लाता है । हालांकि जीवन की दैनिक परेशानियों की वजह से ज्यादातर लोग रात की शांतिपूर्ण नींद पाने में सक्षम नहीं होते हैं । नींद की कमी होना व्यक्ति को तुरंत प्रभावित करता है या कुछ समय बाद उन्हें नुकसान पहुँचा सकते हैं । उचित नींद के अभाव से व्यक्ति के विचार तथा प्रतिक्रियाओं, उसके काम करने, अनुभव प्राप्त करना तथा दूसरों के साथ बात करने पर प्रभाव पड़ता है । अनुचित नींद के कारण दीर्घकालीन स्वास्थ्य समस्याएँ होती है । लेकिन इन सभी मुद्दों का प्रत्युत्तर एक साधारण तथ्य है, सोने की सर्वोत्तम दिशाओं को प्राप्त करना ।
शास्रीय दृष्टिकोण से एक व्यक्ति की नींद की दिशा पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के साथ संरेखित होती है । चुंबकीय क्षेत्र इतना कम होता है कि उसका कोई प्रभाव नहीं पड़ सकता ऐसे दावा करके कुछ लोग इस सिध्दांत को अस्वीकार करेंगे । लेकिन जो लोक ब्रम्हांडीय शक्तियों में विश्वास रखते हैं उनका यह भी विश्वास है कि जीवन में मामूली चीजों से भी बड़ा फर्क पड़ता है । तार्किक रूप से कहा जाए तो हर व्यक्ति की सोने की एक ही सर्वोत्तम दिशा हो सकती है । लेकिन इसका कोई तात्पर्य नहीं है । यहीं पर वास्तु शास्र की शक्तियाँ प्रवेश करती है । वास्तु स्पष्ट अनुभव करता है कि प्रत्येक व्यक्ति अनोखा होता है, प्रत्येक आवास का अपना संरेखन तथा संरचनात्मक विस्तार होता है इसलिए हर किसी की सोने की दिशा अलग होती है । सोने का कमरा एक ऐसी जगह है जहाँ हम आराम करते हैं और स्वस्थ नींद लेते हैं । यह ऐसी जगह है जहाँ हम दिनभर थककर आते हैं और अगले दिन के लिए प्रभारित होने के लिए सोने का प्रयास करते हैं । यहीं पर बेडरूम के लिए वास्तु तस्वीर में आता है । जो सोने का कमरा वास्तु सिध्दांतो को अनुरूप होता है वह शांति से भरा हुआ निश्चिंत वातावरण सुनिश्चित करता है । वास्तु शास्र के अनुसार सोने के कमरों के लिए आदर्श स्थान तथा दिशा परिभाषित की गयी है । अगर सोने का कमरे वास्तु से संबंधित दिशा में नहीं होगा तो उसके लिए उपचार उपलब्ध हैं । संरचनात्मक परिवर्तन करने से अथवा कुछ वास्तु की वस्तुओं को उचित दिशा में रखने से कमरा वास्तु अनुरूप बन सकता है । सोने के कमरे के लिए वास्तु उपाय पढ़ने से पूर्व यह समझना महत्त्वपूर्ण होगा कि यह सब आम वास्तु सलाह हैं और सबके लिए सच साबित हो यह जरूरी नहीं है । विशिष्ट रूप से निर्मित उपायों के लिए विशेषज्ञों का परामर्श लेना जरूरी है ।
नींद के लिए कुछ साधारण वास्तु टिप्स
- जैसे कि पहले उल्लेख किया है कि घर में सोने के कमरे की दिशा और उसका निर्धारण सकारात्मक वातावरण के लिए महत्त्वपूर्ण है । लेकिन घर में संरचनात्मक परिवर्तन करना हर किसी के लिए संभव नहीं हो सकता । कुछ भी तोड़-फोड़ किए बिना घर को वास्तु अनुरूप बनाने के लिए वास्तु सामग्री का उपयोग करना यही एक उपाय है । यह सामग्रीयाँ नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है और इस प्रकार माहौल को समरूप बनाती है । घर का प्रमुख सोने का कमरा शादीशुदा दम्पतियों के लिए अथवा परिवार के प्रमुख कमानेवाले के लिए अलग बचाकर रखना चाहिए ।
- हर व्यक्ति की सोने की दिशा अलग होती है और उसके लिए विशेषज्ञ के साथ परामर्श किया जाना चाहिए ।
- यह सुनिश्चित करें कि सोने के कमरे में कोई आईना न हो । अगर आईना है तो भी रात को सोते समय उसे ढककर रखना चाहिए । सोने के कमरों में आईना सूचित करता है कि बीते हुए समय को पकड के रखा हैं और अपने भविष्य के बारे में योजना बनाने में सक्षम नहीं है ।
- सोने के कमरे में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे कि टी.व्ही., कॉम्प्युटर्स, लॅपटॉप्स आदि न रखें । इन उपकरणों से निकलनेवाली विद्युत संकेतों की वजह से नींद के पॅटर्न में विघ्न पड़ता है ।
- वास्तु शास्रानुसार मछलीघर तथा वनस्पतीसहित अन्य जीवन स्वरूप जैसी चीजों को सोने के कमरे में नहीं रखना चाहिए ।
सोने के कमरा तथा नींद के लिए बहुत से वास्तु टिप्स उपलब्ध हैं लेकिन हर व्यक्तिने वास्तु शास्त्र कन्सल्टन्सी से सलाह लेनी जरूरी है जिससे विशेष रूप से सिर्फ उनकी समस्याओं के अनुरूप वास्तु के नियम बनाए जाते हैं ।