
चित्र-१ : समांतर रेखा में तीन दरवाजें
एक बार ऐसा हुआ कि, जब मैं कर्नाटक के गोकाक नगर में प्रवचन दे रहा था, तब मैंने समांतर रेखा में उपस्थित तीन दरवाजें के वास्तु दोषों और उसकी असरों के बारे में मेरे सामने बैठे हुए श्रोतागण में उपस्थित श्रोताओं से पूछा तो ज़्यातर श्रोताओं में, उनके निर्णय के बारे में एक समान अभिप्राय था कि, इस दोष की वजह से घर में रहनेवाले लोगों का सर्वनाश हो जायेगा और यह बहुत ही भयावह दाहरण स्थापित करता है । तत्पश्चात, मैंने पुन: श्रोताओं को एक अन्य सवाल किया, यदि घर में समांतर रेखा में चार पांच दरवाजें उपस्थित हो तब क्या होगा, क्या इसकी वजह से परिवार के चार या पांव सदस्यों की मृत्यु हो जायेगी ? मुझे बहुत ही आश्चर्य हुआ कि, किसी के भी पास मेरे इस सवाल का कोई विशिष्ट उत्तर नही था ।

चित्र-२ : इस आकृति में दर्शाया गया है कि, दरवाजे को किस प्रकार से उसके स्थान से निकालकर अलग जगह पर लगाया गया है
मैंने स्वयं, अपनी आंखों से देखा है कि, घर में समांतर रेखा में जो उपस्थित दरवाजें है, उनकी दीवारों को तोडकर, दरवाजों को बाहर निकाल कर या दरवाजों को पुन:स्थापित करनेके लिए लोग कैसे–कैसे प्रयास करते है । यह हकीकत किसी से भी छिपी हुई नही है कि, लोग इस प्रकार के परिवर्तनों और नवीकरणों के लिए अनावश्यक रुप से अपने बहुत-से पैसे खर्च कर रहे है और खर्च करते है । बहुत से घरों का मैं स्वयं साक्षी रहा हुं कि, इस प्रकार के परिवर्तनों के लिए कोई आवश्यकता ही नही है ।

चित्र-३ : दोनो दरवाजे पर पर्दा लगाकर सरल प्रकार से महा वास्तु दोष का समाधान प्राप्त किया जाता है
आकृति में जिस प्रकार दर्शाया है उस प्रकार से, यदि घर में समांतर रेखा में, एक–दूसरे के बिलकुल सामने दरवाजें उपस्थित हो तो इस प्रकार की बड़ी समस्या पर प्रभुत्व पाने के संबंध में, सरल वास्तु बहुत ही सरल और दीर्घकालीन तक बना रहे उस प्रकार सरल उपाय है । आकृति में दर्शाये अनुसार मध्य दरवाजे पर सिर्फ पर्दा लगाने से हम इस समस्या से बाहर आ सकते हैं, जिसके लिए दरवाजें बदलने की कोई आवश्यकता नही है । यदि, आपका लक्ष्य दरवाजों की जगह बदलने के बारे में हो तो कृपया करके, सोच–विचार करके मुझे बताईये कि, क्या यह उत्तम विकल्प नही है कि, तीनों दरवाजों को यथास्थिति में रखकर आपके घर के लिए सीधे सादे सरल समाधान आजमाने चाहिये । तीनों दरवाजों में से सिर्फ बीव में स्थित दरवाजे पर पर्दा लगा दीजिये, ऐसा कतई जरुरी नही है कि, कोई भी एक दरवाजा बंद कर देना या अन्य दो दारवाजों को बोल्ट लगा देना । क्या अधिक राशि खर्च किये बगैर या पैसा बहाने बगैर समस्या का समाधान अपने आप आता है ? क्या दोष के उपचार द्वारा कोई इच्छित परिणाम प्राप्त होते है ? इस प्रकार के सरल समाधान की तुलना में अन्य किसी सरल समाधान के बारे में क्या आप सोच सकते है ?
मुझे विश्लेषण करने दीजिये कि, एक समांतर रेखा तीन दरवाजें रखने का क्या प्रयोजन है । वास्तु अनुसार, इस प्रकार की व्यवस्था को संर्पूणरुप से प्रधानता नही दी जाती है । इसका प्रमुख कारण यह है कि, यदि घर का प्रथम दरवाजा खोला जाते तो उस दरवाजे के रास्ते द्वारा सकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश करती है और तत्पश्चात वह स्थिर नही होती और घर में स्थायी नही होती । किंतु, वह दूसरे दरवाजे में से पसार होकर आगे के बाहर निकलने के तीसरे दरवाजे में से बाहर निकल जाती है । इस प्रकार के दरवाजों के आयोजन की वजह से यह आरोग्य जगह पर जाती है । यह बात, किसी भी घर के लिए संपूर्णरुप से अस्वीकार्य स्थिति मानी जाती है कि, जहां हरएक सकारात्मक ऊर्जा सिर्फ प्रवेश करके कसी भी प्रकार के अवरोध के बगैर बाहर निकल जाये । इसके परिणामस्वरुप, जो कोई भी व्यक्ति, ऐसे खंडो में रहेगा वह सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त नही कर पाएगा, वह आरोग्यप्रद स्वास्थ्य के मार्ग में अनुचित अशांति, अव्यवस्था और उतल–पुथल को आकर्षित करेगा, जिसकी वजह से परिवार में रहनेवाले सभी सदस्यों को अनावश्यकरुप से सहन करना पडेगा । सिर्फ सरल वास्तु ही ऐसे वास्तविक और यथार्थ समाधान प्रदान कर सकता है, जो कि बहुत ही कम खर्च में प्रभावित करता है ।