दुनिया प्रतिस्पर्धी हो रही है इसलिए आगे होने की दौड़ हर दिन अधिक कठिन हो रही है। चूंकि हमारी शिक्षा प्रणाली अधिक परिणाम और अंकों को महत्व देती है, इसलिए यह किसी छात्र के समग्र विकास को महत्व नहीं देती है।
शैक्षणिक प्रतिभा या ज़्यादा से ज़्यादा नंबर लाना ही आज के दौर में तेज़ बुद्धि का मानक बन गई है। यह छात्रों और आपके बच्चे पर बहुत दबाव डाल रहा है और मानसिक समस्याओं को आमंत्रित कर रहा है। चूंकि बच्चे आने वाले कल का भविष्य हैं इसलिए हमें उनके समग्र स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता है, जिसमें उन्हें जीवन में उत्कृष्ट और अग्रणी बनाने के लिए उनका मानसिक स्वास्थ्य भी शामिल है।
गुरुजी कहते हैं, “आपके बच्चे के भीतर और आसपास प्रचुर मात्रा में ब्रह्मांडीय ऊर्जा है।” यह ऊर्जा आपके बच्चे के पूर्ण विकास को बढ़ाने के प्रमुख कारणों में से एक है। इस ऊर्जा को अपने बच्चे को सबसे अच्छा बनाने व उसकी प्रतिभा को पूरी तरह से निखारने के लिए उचित तरीके से इस कॉस्मिक ऊर्जा से कनेक्ट, संतुलन और चैनलाइज़ करना होगा।
सरल वास्तु सिद्धांत की मदद से, आपके बच्चे समझेंगे कि इस सर्वव्यापी ब्रह्मांडीय ऊर्जा, जिसे हम कॉस्मिक ऊर्जा कहते है, की शक्ति का उपयोग कैसे किया जाए। इस संतुलित व सक्रिय ऊर्जा की मदद से वे अपने कौशल और योग्यता को पहचानने के बाद अपनी पूरी क्षमता के साथ प्रदर्शन कर सकते हैं।
शिक्षा के लिए वास्तु आपके बच्चे के लिए सही अध्ययन की दिशा खोजने में मदद करता है। शिक्षा के लिए वास्तु समाधानों की सहायता से, एक बच्चा अपने भीतर व आस-पास मौजूद असंतुलित ऊर्जा को संतुलित कर सकता है। शिक्षा के लिए वास्तु के अनुसार, ऊर्जा संतुलन आपके बच्चे के समग्र विकास की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।
सरल वास्तु वह विधि है जो पढ़ाई में बेहतर परिणाम के लिए इस ऊर्जा का तालमेल बैठा कर आपके बच्चे के चारों ओर एक सामंजस्यपूर्ण वातावरण बनाने में मदद करती है। गुरूजी ने सरल वास्तु सिद्धांत की सहायता से आपको अपने मनचाहे परिणाम के करीब ले जाने पर ज़ोर दिया। यह ऊर्जा बच्चों के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
आपके बच्चों का विकास केवल उनकी बुद्धि, योग्यता और कौशल पर निर्भर नहीं करता है। अपने बच्चों के समग्र विकास के लिए, आपको उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता है। इसके अलावा, आपको उनकी रचनात्मकता (क्रिएटिविटी) और जल्दी सीखने की क्षमता पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
किसी भी माता-पिता के सामने प्रमुख समस्या उनके बच्चे में एकाग्रता की कमी है। यह गलत वास्तु के कारण होता है। अध्ययन कक्ष के लिए अध्ययन की दिशा और वास्तु भी इसमें प्रमुख भूमिका निभाते हैं। अपने बच्चे की शिक्षा में बाधाओं को दूर करने के लिए, आपको सरल वास्तु समाधानों को अपनाने की आवश्यकता है।
हर समाधान बच्चे की जन्म तिथि पर आधारित होता है। ऐसा बहुत ही कम लोग जानते हैं कि सही वास्तु समाधान प्राप्त करने के लिए उसकी जन्म-तिथि बहुत ज़्यादा महत्वपूर्ण होती है। सरल वास्तु, वास्तु शास्त्र के गहन ज्ञान की व्याख्या करता है जो गुरुजी द्वारा 20 वर्षों तक अध्ययन किया गया है।
शिक्षा के लिए वास्तु व्यक्ति के जन्म की तारीख पर निर्भर करता है। एक ही घर में, एक बच्चा पढ़ाई में अच्छा कर रहा है और पूरी एकाग्रता के साथ उच्च अंक प्राप्त कर रहा है, लेकिन दूसरे बच्चे को ध्यान केंद्रित करने और अच्छे अंक लाने में समस्या हो रही है। यह सब इसलिए हो रहा है कि दोनों बच्चे समान वास्तु समाधान अपना रहें हैं जबकि वह वास्तु समाधान उनकी ज़रूरतों को समान रूप से पूरा नहीं कर सकते। ऐसा उन दोनों की अलग-अलग जन्म-तिथि के कारण होता है।
सरल वास्तु सिद्धांत उनकी एकाग्रता को बढ़ाने और समग्र विकास प्रदान करने में मदद करता है।
सरल वास्तु की मदद से:
सरल वास्तु परामर्श आपको अपने बच्चों की पढ़ाई की समस्या के समाधान प्रदान करता है। आमतौर पर शिक्षा के लिए बहुत से उपयोग किए जाने वाले वास्तु टिप्स हैं जिनका उपयोग आपके बच्चों की शिक्षा में बेहतर परिणाम के लिए किया जा सकता है। इन उपायों के साथ, आपके बच्चे सफलता के शिखर को प्राप्त कर सकते हैं और समग्र विकास का अनुभव कर सकते हैं।
क्या आप जानते हैं?
सरल वास्तु सिद्धांतों को अपनाने के बाद, आप 9 से 180 दिनों के भीतर शिक्षा संबंधी वास्तु समस्याओं को हल कर सकते हैं
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