क्या आप सोच सकते हैं कि आपकी रसोई यानी घर का वो पवित्र कौना जहां आपके लिए भोजन बनता है वह आपके परिवार की सभी स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है? जी हाँ! आपकी रसोई में ऊर्जा का असंतुलन आपके और आपके परिवार के सदस्यों के लिए अनेक बिन बुलाई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सबसे महत्वपूर्ण कारण हो सकती है।
भोजन हमारे शरीर को क्रियाशील बनाए रखता है और जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। भोजन हमारी ऊर्जा का प्रमुख स्त्रोत होता हैं। रसोई घर का वह स्थान है जहां पर एक अदृश्य व अंतहीन ऊर्जा निवास करती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, हम सभी एक अनंत कॉस्मिक ऊर्जा से घिरे हैं जो हमारे भाग्य निर्धारित करती है। इस ऊर्जा प्रवाह के प्रवाह में किसी भी तरह की रुकावट ऊर्जा का असंतुलन पैदा करती है, जिसके कारण हमें प्रतिकूल प्रभावों का सामना करना पड़ता है।
वास्तु के द्वारा हम हमारे चारों ओर एक संतुलित ऊर्जा बनाए रख सकते है और यही कारण है कि रसोई के लिए वास्तु सबसे अधिक मायने रखता है। रसोई के लिए वास्तु रसोई में होने वाली चीज़ो जैसे गैस, पानी के नल, सिलेंडर आदि के सही स्थान के लिए ऊर्जा को संतुलित करने में मदद करता है। गुरुजी के सरल वास्तु सिद्धांत रसोई के वास्तु में प्रभावशाली बदलाव करने पर ध्यान देते हैं। कुछ संरचनात्मक परिवर्तन और प्लेसमेंट आपकी रसोई में मौजूद सभी नकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को रोक सकते हैं।
गुरुजी के अनुसार, आपकी रसोई में असंतुलन के लिए जिम्मेदार हर नकारात्मक कारक आपके परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य को प्रतिकूल तरीके से प्रभावित कर सकता है। सरल वास्तु सिद्धांत आपके परिवार के स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दों पर ध्यान देता हैं। इसका समाधान घर के मालिक या परिवार के मुखिया की जन्म-तिथि के आधार पर किया जाता है। हर व्यक्ति की जन्म की तारीख अलग होती है और उसी के आधार पर उसको व्यक्तिगत व विशेष वास्तु समाधान सुझाये जाते हैं। प्रत्येक गृहिणी परिवार के लिए भोजन तैयार करने के लिए रसोई में ज़्यादातर समय बिताती है। रसोई के लिए वास्तु में कहा गया है कि भोजन तैयार करने के लिए रसोई में समय व्यतीत करते समय गृहिणी को अनुकूल दिशा का सामना करना चाहिए। इससे घर की महिला का अच्छा स्वास्थ्य रहेगा और वह उसे बहुत सक्रिय व ऊर्जावान बनाये रखती हैं।
हालाँकि, जैसा कि सरल वास्तु बताता है कि हर रसोई की अलग-अलग समस्याओं के लिए विशेष वास्तु हल प्रदान किये जाते है, परंतु फिर भी रसोई के लिए कुछ सामान्य वास्तु उपाय हैं, जिसे हर कोई अपना सकता है और अपनी रसोई में एक स्थायी और स्वस्थ वातावरण बना सकता है।
लोगों के कल्याण के लिए वास्तु के गहन ज्ञान को सबके साथ बांटने के लिए के लिए गुरुजी ने अपने जीवन के 19 साल इस शोध के लिए समर्पित किये हैं। उन्होंने एक खुशहाल और स्वस्थ समाज और जीवन के लिए सरल वास्तु सिद्धांतों की खोज की और उन्हें स्थापित किया। उन्होनें इस मिथक को दूर किया कि वास्तु एक समान दिशा-निर्देश का एक सेट नहीं है। उनके अनुसार प्रत्येक व्यक्ति पर उसकी जन्म की तारीख के अनुसार वास्तु का प्रभाव पड़ता है जो हर किसी के लिए भिन्न होता है।
सभी के लिए वास्तु उपाय एक समान नहीं होते।
एक पिता ने एक घर में अपने लिए समृद्ध व्यवसाय के साथ एक सफल और खुशहाल जीवन देखा है लेकिन एक बेटा उसी घर में सफलता को नहीं देख पाता है। ऐसा क्यों होता है? इसका उत्तर वास्तु शास्त्र में दिया गया है।
इसलिए, रसोई के लिए वास्तु अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त करने और स्वास्थ्य संबंधी सभी समस्याओं को दूर रखने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
क्या आप जानते हैं?
सरल वास्तु सिद्धांतों को अपनाने के बाद, आप 9 से 180 दिनों के भीतर अपनी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को हल कर सकते हैं।