मूलाधार चक्र को जानें – जीवन शक्ति का चक्र

एक स्वस्थ शरीर और दिमाग ही आपके जीवन में सही उपलब्धियों और सफलता से भरे जीवन का मार्ग प्रशस्त करता है क्योंकि हमारे वेदों के अनुसार एक स्वस्थ शरीर ही सफलता का मानक है। स्वस्थ शरीर ही सही निर्णय लेने की शक्ति और ऊर्जा देने में मदद करता है। एक स्वस्थ शरीर और स्वस्थ दिमाग केवल भोजन और उचित जीवन शैली पर निर्भर नहीं करता है। यह एक तरह से हमारे शरीर में ऊर्जा को संतुलित भी करता है। यह ऊर्जा शरीर में मौजूद सात चक्रों का परिणाम है।

हमारे शरीर में 7 चक्र हैं जिनमें मूलाधार चक्र या जड़ चक्र उनमें से एक है। इन्हें ऊर्जा ट्रांसफार्मर के रूप में जाना जाता है। इनमें से प्रत्येक चक्र एक महत्वपूर्ण ऊर्जा बल का प्रतिनिधित्व करता है, जो आपके जीवन के विभिन्न पहलुओं पर गहरा प्रभाव छोड़ता है। ऊर्जा ट्रांसफार्मर आपके शरीर का अभिन्न अंग माना जाता हैं, और इन चक्रों की क्या भूमिका है इसके बारें में आपको जानने की आवश्यकता है।

गुरुजी के अनुसार, इन चक्रों का आपके जीवन और स्वास्थ्य के साथ बहुत गहरा संबंध होता हैं। पाचन संबंधी समस्याओं से लेकर हृदय संबंधी समस्याओं तक, ये चक्र आपको विविध रोगों से लड़ने में मदद कर सकते हैं। हालाँकि, आपको उन्हें सकारात्मक रूप से सक्रिय करने की आवश्यकता होती। एक बार जब ये 7 चक्र सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित करने लगते हैं, तो वे आपके जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण समस्याओं को दूर करने में आपकी मदद करते हैं।

सरल वास्तु के परामर्श की मदद से आप इन सात चक्रों को सक्रिय कर सकते हैं। ये सक्रिय 7 चक्र स्वास्थ्य, रिश्तों और शिक्षा आदि के साथ आपके व्यपारिक समस्याओं को दूर करने में भी मदद करते हैं।

मूलाधार चक्र क्या है:

  • मूलाधार चक्र या जड़ चक्र मानव शरीर के सात प्राथमिक चक्रों में से पहला होता है।
  • यह स्पाइनल कॉलम ( रीढ़ की हड्डी) के आधार छोर पर स्थित है।
  • व्यक्तित्व विकास, जीवन शक्ति, ताकत और विकास, यह इस चक्र द्वारा मनुष्यों में प्रदान की जाने वाली विशेषताएँ हैं।
  • एक निष्क्रिय और अनुचित तरीके से काम करने वाला मूलाधार चक्र प्रोस्टेट की समस्या, मोटापा, गठिया, वैरिकाज़ नसों, पीठ के निचले हिस्से की समस्याओं, कूल्हे की समस्याओं, गले में खराश, भूख की कमी, हड्डी की खराब संरचना और एक कमजोर शारीरिक संरचना का कारण बन सकता है।

जड़ चक्र या मूलाधार चक्र जीवन ऊर्जा को अन्य सभी प्रमुख और छोटे चक्रों तक पहुँचाता है। जब व्यक्ति का स्वास्थ्य संतुलित होता है तब वह अपने भीतर आत्मविश्वास का अनुभव करता है। वह शारीरिक रूप से खुद को सक्रिय महसूस करना लगता है जिससे वो आश्वस्त हो जीवन के नए मार्गो को प्रशस्त करता हैं और एक स्वस्थ जीवन जीता है।

मूलाधार चक्र को कैसे सक्रिय करें:

  • स्पाइनल कॉलम (रीढ़) में स्थित चक्र पर ध्यान केंद्रित करें।
  • घास या रेत पर नंगे पैर चलें।
  • चक्र को ऊर्जावान बनाने के लिए पेडीक्योर (पैरों को साफ) करवाएं।
  • चक्र को सक्रिय करने के लिए नृत्य करें।
  • चक्र खोलने के लिए अनुकूल दिशा का उपयोग करें।
  • पल्स पॉइंट्स (लंग लंग, जेरियम गुलाब, एंजेलिका आदि) पर आवश्यक तेलों का उपयोग करें।
  • लाल सेब, अनार, स्ट्रॉबेरी, बीट्स, मूली, आदि जैसे खाद्य पदार्थ खाएं।
  • सरल वास्तु द्वारा दिये समाधानों का पालन करें।

सात चक्रों में से एक मूलाधार चक्र को सक्रिय करके, आप अच्छे स्वास्थ्य और अपनी खुशियों को आकर्षित कर सकते है और एक स्वस्थ व खुशहाल जीवन जी सकते हैं।

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