हमने अपनी पुरानी पीढी से सुना है कि किसी के साथ रिश्ते में रहने से अथवा किसीसे शादी करने में एक बड़ी जिम्मेदारी होती है यह सत्य सोच के कि हर व्यक्ति का जीवन जीने के अपने अपने विभिन्न विचार होते हैं । हम यह भी न भूलें कि जब हम किसी और के साथ रहते हैं तब हमें दूसरे व्यक्ति का भी खयाल रखना पड़ता है । सबसे साधारणसा उदाहरण हमारे अपने परिवार का ही है । हम हर संभव परिस्थिती में एक दूसरे का खयाल रखते हैं । एक दूसरे का खयाल रखने की जिम्मेदारी हम लेते हैं और उसका पालन भी करते हैं । यह जिम्मेदारियाँ अनकही होती है । हालांकि, अगर हम जिम्मेदार नहीं है तो हम एक प्रमुख समस्याग्रस्त मुद्दा बन सकते हैं । अब जिम्मेदार होना मतलब हमारी हर छोटीसी चीज का खयाल रखना और हमारे माता-पिता तथा सहयोगियों को हर छोटी चीजों के लिए परेशान न करना या फिर अपने परिवार तथा सहयोगी के लिए उपजिवीका कमाना यह सबसे बड़ी बात हो सकती है ।
हालांकि जिम्मेदारियों से भागना यह हम मनुष्य प्राणी की प्रवृत्ति होती है । हम आकाश में मुक्त होकर घुमनेवाले पक्षी की तरह रहना पसंद करते हैं ऐसे व्यक्ति किसी चीज का या किसी का भी खयाल रखना नहीं चाहते ।
अब आजादी के लिए पुछना कोई गलत बात नहीं है लेकिन स्वतंत्रता के साथ जिम्मेदारी भी आती है । जब आप स्वतंत्र होते हैं तब आपको दुसरों के हितों की, उनकी पसंद और नापसंद की जिम्मेदारी लेनी पड़ती है । उदाहरण के लिए, आपका परिवार शायद आपके कामों को स्वीकार करें और आपको इसके साथ बच निकलें । लेकिन यह आवश्यक नहीं की समाज में ऐसे ही हो सकता है ।
हमारी पीढ़ी में सबसे बड़ी चुनौती है कि हमारे पास जिम्मेदारी का अभाव है । हम कुछ भी करने के लिए जिम्मेदार होना नहीं चाहते । फिर वो हमारे सहयोगी, हमारे बच्चों, हमारे मित्रगण तथा परिवार के बारे में हो सकता है । हम इससे भाग जाना चाहते हैं और जिम्मेदारी की कमी के कारण धीरे से तथा उत्तरोत्तर यह घर में सबसे महत्त्वपूर्ण मुद्दों में से एक हो जाता है । इस तरह के मुद्दों का ध्यान रखना एक समस्या भी हो सकती है क्योंकि समस्या अनैच्छिक नहीं स्वैच्छिक है । हम जीवन में जिम्मेदारियाँ लेना नहीं चाहते क्योंकि हम उसे नहीं चाहते । यह इच्छा शक्ति है जो एक समय में साथ साथ काम नहीं करती ।
यहाँ ऐसी कुछ चीजें हैं जो सुनिश्चित कर सकती हैं कि आप जिम्मेदार हो गए हो और जिम्मेदारी के अभाव के कारण आपके नातेसंबंध तथा वैवाहिक जीवन पर प्रतिकूल रूप से प्रभाव पड़ गया हो । इस तरह के मामलों में नुकसान कभी कभी गंभीर होता है । नीचे कुछ बहुत प्राथमिक चीजें सूचीबध्द की हैं जो आपके नातेसंबंधो में या वैवाहिक जीवन में थोड़ा और जिम्मेदार बनने में आपको मदद कर सकती हैं –
1. सबसे प्रथम बात है कि कि दूसरों को दोषी ठहराना टाल दो या पूरी तरह से रोक दो जिसे हमारी पीढ़ी सामान्य रूप से करती आ रही है ।
2. हमारे दोष स्वीकार करना और उनमें सुधार लाने के लिए काम करना यह दूसरी बात है जिसमें आप जिम्मेदार होने के सभी संकेत दिखाई देते हैं ।
3. एक दूसरे को विभिन्न गतिविधीयों में या स्थितियों में प्रोत्साहित करना यह आप तुरंत कर सकते हैं । आपके कठीन समय में आपके साथ कोई है या आपके पीछे मजबूती से खड़ा है इससे विश्वास और भरोसे की भावना मजबूत बनती है ।
4. एक दूसरे पर बोझ बनने से एक दूसरे का आधार बनकर कार्य करते रहना सबसे अच्छी बात होगी । इससे यह आशा जीवित रहेगी कि अगर आप असफल भी हो गए तो दूसरा कोई है जो हमेशा आपका आधार बनेगा ।
5. एक दूसरे के साथ बहस करके बातों को खत्म मत करो । कभी कभी विवादपूर्ण परिस्थिती से दूर रहना सबसे अच्छी बात होती है । इससे न केवल आपके नातेसंबंधो को बचाते हैं बल्कि आपके समय तथा शक्ति को बचाते हैं जिसे आप व्यर्थ खर्च कर देते हैं ।
6. हर किसीको अपने मन में झाँकने की जरूरत है और उनका / उनकी खामियों को पहचान कर उसमें सुधार कर सकें । अपने सहकारी की नकारात्मकता तथा खामियों का अपने साथी पर प्रभाव न पड़े यहीं जिम्मेदार होने का एक तरीका है ।
7. अपने नातेसंबंध / शादी को संभालने के लिए ज्यादा कोशिश करें ।
8. एक दूसरे में जिम्मेदारियों का समान रूप से बँटवारा करने से तनाव तथा दबाव को कम करने में बहुत मदद हो सकती है ।
आपकी समस्याओं के कारणों को समझकर आपके जीवन से नकारात्मकता का निर्मूलन करने के उपाय बताने के लिए सरल वास्तु के विशेषज्ञ आपको रिश्ते के लिए वास्तुशास्त्र इस संकल्पना से मदद करके नातेसंबंधो में जिम्मेदार बना सकते है । उनमें से कुछ उपायों को नीचे सूचीबध्द किया है –
1. चप्पलें तथा जुतों को मुख्य द्वार के सामने न रखें । उससे नकारात्मक ऊर्जा आकर्षित होती है ।
2. मुख्य द्वार के सामने (अंदर से) शीशा न लगाएँ क्योंकि शीशा लगाने से सकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है ।
3. जब आप बाहर से आते हैं तब घर में प्रवेश करने से पहले अपने पैरों को ठीक से साफ करके ही अंदर प्रवेश करें । इस प्रकार की गतिविधी के कारण नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त किया जा सकता है ।
4. किसी भी प्रकार की अंगूर की बेल घर के किसी भी तरफ की दीवार को (अंदर से या बाहर से) स्पर्श नहीं करनी चाहिए क्योंकि बेल के स्पर्श से नकारात्मक ऊर्जा तथा आलस्य को आकर्षित करता है ।
5. बजनेवाली घंटा अगर घर के अंदर हो तो उससे घर की नकारात्मक ऊर्जा का पूर्ण रूप से नाश करने में और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने में मदद होती है ।
6. कॅकटस तथा गुलाब आदि कांटेदार पौधों को घर के अंदर न रखें । इससे सकारात्मक ऊर्जा का पूर्ण रूप से नाश होता है ।
7. भगवान को ताजे फूल चढ़ाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने में मदद होती है ।
8. हॉल में मत्सालय को रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आकर्षित होती है ।
9. आपके घर में रूके हुए पानी का चित्र न लगाएँ क्योंकि उससे वास्तु दोष उत्पन्न होने का कारण बनता है ।
10. मुख्य द्वार के सामने पूजा का कमरा नहीं होना चाहिए ।
11. घर में हल्के रंगो का पेंटिंग का उपयोग करने से शांतिपूर्ण वातावरण बनाए रखने में मदद होती है ।
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