गुस्से की वजह से फैसेले में होनेवाली एक पल की भूल से गंभीर परिणाम हो सकते हैं। गुस्सा होनेवाले मुद्दों की वजह से बहुत लोगों का जीवन और व्यक्तिगत तथा व्यावसायिक रिश्तों में बाधाएँ आती है।
जिन व्यक्तियों को उसका/उसकी भावनाओं का ध्यान रखने में परेशानी होती उनके लिए क्रोध संचालन सत्र सहायक होते हैं। ध्यानधारणा गुस्से के प्रश्नों पर नियंत्रण रखने का एक मार्ग है। मन की शांति व धैर्य लाने के लिए व्यक्ति के परिवेश को बदलना यह और एक संभावना हो सकती है। इसी प्रकार से प्राचीन भारतीय विज्ञान वास्तुशास्र तस्वीर में आता है। वास्तु शास्त्र हमारे परिवेश और मकानों में ऊर्जा को नियंत्रित करता है और अगर सही प्रकार से इसे अभ्यास में लाया गया तो इस ऊर्जा को इस तरह से समायोजित करेगा कि हमारी आंतरिक ऊर्जा का प्रवाह अपने इष्टतम स्तरपर होगा।
अगर वास्तुशास्र के सिध्दांतों का अवलंब किया तो हमारे भीतर की सकारात्मक ऊर्जा हमारे चक्रों को कार्यान्वित करेंगे जो व्यक्ति के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष जीवन को संचालित करती है।
वास्तुशास्र के अनुसार हमारे घर से ही क्रोध संचालन शिक्षा की शुरूआत होती है। अपने क्रोध पर क्षणिक नियंत्रण लाने के लिए व्यक्ति ने सभी स्वसहायता कार्यपध्दतियों का उपयोग करने के अलावा क्रोध अनुशासन में लंबे समय के प्रभाव के लिए वास्तु शास्र के तरीकों का पालन करना चाहिए।
अपने गुस्से को नियंत्रित करने के और शांतिपूर्ण अस्तित्व के लिए कई तरीके हैं, हालांकि अपने गुस्से को नियंत्रित करने के लिए वास्तुकार्यप्रणाली के अनुसार प्रमुख पाँच तरीके यहाँ दिए गए है –
- घर अव्यवस्थित नहीं होना चाहिए। घर के अंदर सचार करने में बाधाएँ उत्पन्न होने से आपका गुस्सा बढ़ सकता है। घर में रखा पुरानी चीजों के कारण ऊर्जा का प्रवाह बाधित होता है। प्रशस्त घर में ऊर्जा का प्रवाह सक्षम होता है और चित्तवृत्ति में सुधार लाता है।
- सैंधव नमक घर के हर कोने में रखो। बारिश के मौसम में यह विशेष रूप से उपयोगी है क्योंकि सैंधव नमक अतिरिक्त नमी को अवशोषित करता है।
- अगर आप घर खरीद रहें हैं तो यह सुनिश्चित करें की घर के आसपास के क्षेत्र में कोई भी मोबाईल टॉवर या बिजली के ट्रान्सफॉर्मर ना हो। अगर आप पहले से ही आसपास के क्षेत्र में आप इन उपकरणों के साथ रह रहे हो तो उचित वास्तु उपचार का सहयोग लें।
- ताजा फूल अथवा अगरबत्ती का घर में प्रयोग करें। यह सुनिश्चित करें कि अगरबत्ती के धुएँ से घर ना भरा हो।
- अपने दुसरे अनुकूल दिशा की तरफ सो जाएँ। यह रात में अच्छी नींद पाने के लिए अनुकूल है जो आपके चक्रों का संतुलन करने में मदद करता है।