मणिपुर चक्र को सौर जाल चक्र तथा नाभि चक्र के रूप में जाना जाता है और यह मानवी शरीर में तीसरा प्राथमिक चक्र है । ` मणि ‘ का अर्थ ` मोती ‘ है तथा ` पूरा ‘ का मतलब ` शहर ‘ और मणिपुर मतलब है ज्ञान के मोती । ( इसका एक और मतलब है कि जगमगता रत्न और यह बुध्दि तथा स्वास्थ्य से संबंधित होता है । ) आत्म विश्वास और आत्म आश्वासन, खुशी, विचारों की स्पष्टता, ज्ञान तथा बुध्दि और योग्य निर्णय लेने की क्षमता यह रत्न व मोती इस चक्र में निहित है । यह चक्र चेतना का केंद्रबिंदू माना जाता है जो शरीर के अंदर की ऊर्जा का संतुलन करता है । यह इच्छाशक्ति को नियंत्रित करता है और खुद के लिए तथा दूसरों के प्रति सम्मान को मन में बिठा देता है ।
यह कमल के साथ दस पंखुडियों के प्रतिकात्मक रूप में दर्शाया जाता है जो सूचित करता है कि दस पंखुडियाँ यह दस अत्यावश्यक महत्त्वपूर्ण शक्तियाँ है जो स्वास्थ्य को बनाए रखती है तथा उसे मजबूत बनाती है । मणिपुर चक्र नीचे इशारा करनेवाले त्रिकोण से भी दर्शाया जाता है जो सकारात्मक ऊर्जा के विस्तार को सूचित करता है । यह अग्नि तत्त्व तथा पीले रंग से दर्शाया जाता है । पीला रंग ऊर्जा तथा बुध्दि को सूचित करता है ।