वास्तु पर आधारित घर को समृद्धि का चुंबक माना जाता है । एक सही घर की योजना जिसे वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों के साथ बनाया गया है, हमारे भीतर और आस-पास बकॉस्मिक ऊर्जा को संतुलित रखने की शक्ति रखती है। वास्तु शास्त्र वास्तुकला और संरचनात्मक योजना का एक प्राचीन विज्ञान है। इसका महत्व हम अनेक स्मारकों, मंदिरों और संरचनाओं में देख सकते हैं जो सदियों से अनवरत, अप्रभावी और दृढ़ता के साथ आज भी खड़े हुए हैं।
आजकल, वास्तु शास्त्र सभी के बीच एक लोकप्रिय विषय बनता जा रहा है। हर कोई एक ऐसा घर बनाना चाहते हैं जो वास्तु की परेशानियों या वास्तु दोषों से मुक्त हो। यही कारण है कि लोग अपने घरों को वास्तु अनुरूप बनाने के लिए विभिन्न वास्तु सलाहकारों और विशेषज्ञों की ओर रुख कर रहे हैं। सरल वास्तु में, हम आपको एक वास्तु योजना प्रदान करते हैं जो घर के मुखिया की जन्म-तिथि पर आधारित होती है। इस उद्योग में कई नकली वास्तु विशेषज्ञ मौजूद हैं जो सभी को एक समान वास्तु समाधान प्रदान करते हैं जो सही नहीं है। हर व्यक्ति के लिए वास्तु सिद्धांत अलग तरह से काम करते है।
वास्तु शास्त्र एक विशाल विज्ञान है जिसका दायरा बहुत बड़ा और गहरा है। यह माना गया है कि ये सभी पर लागू होने वाले समान मानदंडों और नियमों का कोई निश्चित सेट नहीं है। वास्तु मूल रूप से ऊर्जा पर आधुनिक विज्ञान है जो ऊर्जा पर केंद्रित होकर काम करता है। हम सभी एक अदृश्य ऊर्जा से घिरे हैं जिसे कॉस्मिक ऊर्जा कहा जाता है। यह ऊर्जा एक निश्चित दिशा में बहती है। ऊर्जा के प्रवाह में कोई बाधा होने पर यह घर के सदस्यों पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। ये नकारात्मक प्रभाव स्वास्थ्य, धन, नौकरी, विवाह, रिश्ते आदि से संबंधित हो सकते हैं।
गुरुजी द्वारा स्थापित सरल वास्तु सिद्धांतों की सहायता से, आपकी अनुकूल दिशा में ऊर्जा के प्रवाह को सही किया जा सकता है। यह अनुकूल दिशा किसी व्यक्ति के जन्म-तिथि से निर्धारित होती है। अनुकूल दिशा की मदद से, उपयुक्त वास्तु योजना उस व्यक्ति के लिए तैयार की जाती है। सरल वास्तु के अंतर्गत आपके घर में किसी भी टूट फूट, संरचनात्मक परिवर्तन या नवीनीकरण की आवश्यकता नहीं होती है। घर की सही वास्तु योजना घर में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने में मदद करती है। घर में सकारात्मक ऊर्जा घर में समृद्धि और खुशहाली को आकर्षित करती है।