
चित्र – १
चित्र – १ में आप देख सकते हैं कि बिस्तर, दोनों दीवारों को छू रहा है, यानी कि, दोनों दिशाओं को । जब महिलाएं इस प्रकार के बिस्तर पर सोती है तब वह आहार के प्रति कितनी भी जागरुक हो या डायटिंग करती हो वजन कन करने के मामले में जरा भी फर्क नजर नही आयेगा और उनका वजन और अधिक बढ़ेगा और लंबे समय के बाद यह एक समस्या बन जायेगा ।
अब आपको आश्चर्य होता होगा कि ऐसा क्यों होता है ? परिणामस्वरुप, जब बिस्तर दोनों दिवारों को छूकर रखा गया हो तब ऊर्जा के मुक्त प्रवाह में अवरोध उत्पन्न होता है, जिससे महिलाओं को पर्याप्त ऊर्जा नही मिलती । इसी कारण बगैर किसी विशिष्ट कारण के ही वजन बढ़ता जाता है।

चित्र – २
चित्र – २ में आप देख सकते है कि, ज़्यादातर होटलों, लॉज,रीसोर्ट या होलिडे–होम्स में इस प्रकार से बिस्तर या चारपाई रखी जाती है । यह चारपाई का एकदम सही और योग्य वैज्ञानिक पद्धती अनुसार आयोजन है, जिसका अनुसरण घर में करना चाहिए, जहां बिस्तर को शयनकक्ष के बिलकुल बीचोबीच, आकृति में दर्शाये अनुसार, सिर्फ एक भाग दीवार को करते हुए अन्य सभी कोनों की जगह खाली रखनी चाहिये । किसी भी प्रकार के अवरोधों के बगैर, खंड की हरएक दिशा में ऊर्जा का मुक्त प्रवाह हो, ऐसा वैज्ञानिक तौर पर सिद्ध हुआ यह आयोजन सुगमता की पुष्टि करता है । इसके फलस्वरुप , खंड में बैठी हुई या सोए हुए व्यक्ति / व्यक्तियों द्वारा योग्य मात्रा में ऊर्जा ग्रहण की जाती है । खास कर के महिलाओं के लिए उनके खंड मे हरएक दिशाओं मे बहते सकारात्मक ऊर्जाओं को किसी भी प्रकार के अवरोधों के बगेरे ग्रहण करना महत्वपूर्ण है । इस प्रकार, महिलाओं में मोटापे का स्तर घटता है और इसके साथ वजन का स्तर संतुलित तथा संतोषजनक बना रहता है । यह बात सही है कि, महिलाओं के सामान्य दिनों की तुलना में माहवारी के दिनों में उन्हें आधिक सकारात्मक ऊर्जा की आवश्यकता होती है । लेकिन जो महिलायें, उनके चारित्र्य लक्षणों में सकारात्मकता लाना चाहती हो तो उन्हें इस प्रकार की चार पाई के आयोजन से संपूर्ण शारीरिक संरचना को मुक्तरुप से प्रभावित होने वाली सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती है । परिणामस्वरुप, यह महिलाएं उनके घरेलू और रोजगार – क्षमता की प्रवृत्तियां बहुत ही सही ढंग से करती है