दक्षिण पूर्व मुखी घर

स्थापत्य कला एक महान विज्ञान है और इसमें वास्तु शास्त्र की बहुत बड़ी भुमिका रही है। वास्तु अपने चारों तरफ़ की कॉस्मिक ऊर्जा से उस जगह स्थित सकारात्मक ऊर्जा की शक्ति से एक सुखद जीवन की नींव रखता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार आपके घर या कार्यालय के मुख्य द्वार की दिशा की आपके जीवन में मुख्य भूमिका होती है। आपके घर का मुख्य द्वार ये ही इंगित करता है कि आपका घर आपके चारों और की सकारात्मक ऊर्जाओं से किस प्रकार जुड़ा हुआ हैं। परन्तु बड़ा प्रश्न ये है कि हम कैसे जाने की कोनसी दिशा हमारे लिए सुखद होगी? ये जानना बहुत ही सरल है । 8 अंक आपकी अनुकूल दिशा खोजने के लिए पर्याप्त है और यह 8 अंक है आपकी जन्म तिथि। आपकी जन्मथिति के आधार पर 4 दिशाएं अनुकूल और 4 दिशा प्रतिकूल होती है। वास्तु शास्त्र आपको आपकी सही दिशाओं से परिचित करवाकर आपको एक सुखद, समृद्ध और इच्छित जीवन जीने के नज़दीक लाता हैं।

सरल वास्तु कैसे काम करता है?

संरचना के माध्यम
से संतुलित करें

अपनी अनुकूल दक्षिण पूर्व दिशा के
माध्यम से जुड़ें

चक्रों के माध्यम
से चैनलाइज़ करें