बहुत से लोग मानते है कि दक्षिण पूर्व मुखी घर अशुभ होते है और जीवन में कई परेशानियां और तकलीफ लाते हैं, जबकि ऐसा कुछ नही हैं। दक्षिण पूर्व मुखी घर हर व्यक्ति के लिए प्रतिकूल नहीं होते हैं। डॉ. श्री चंद्रशेखर गुरुजी ने अपने दो दशकों की शोध में ये साबित किया हैं।
अगर दक्षिण पूर्व मुखी घर हर व्यक्ति के लिए अशुभ होते तो दुनिया भर में लाखों लोगों को इसकी वजह से प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ता हैं। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति के लिए दिशाएं अलग तरह से काम करती हैं। हम किसी भी एक दिशा को अनुकूल या प्रतिकूल की श्रेणी में नहीं रख सकते। किसी भी व्यक्ति के लिए अनुकूल दिशा उसकी जन्म-तिथि पर आधारित होती है जो एक एल्गोरिथ्म द्वारा निर्धारित होती है। अपनी अनुकूल दिशा के प्रयोग से आप कॉस्मिक ऊर्जा से आसानी से जुड़ सकते हैं। कॉस्मिक रज एक जीवन शक्ति की तरह होती है जो हमारे जीवन व सभी कर्मों के लिए ईंधन के रूप में कार्य करती है। अपनी सही दिशा के प्रयोग से इसके साथ जुड़ने से आप जीवन में समृद्धि, सुख, प्रचुरता व जीवन के हर क्षेत्र में सफलता को आकर्षित करते हैं।
इसलिए, यदि आपके जन्म की तारीख के आधार पर, दक्षिण पूर्व दिशा आपके लिए अनुकूल है, तो दक्षिण पूर्व मुखी घर आपके लिए श्रेष्ठ है। दक्षिण पूर्व मुखी घर का जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रभाव निम्नलिखित है|
सर्वाधिक अनुकूल दिशा: यदि दक्षिण पूर्व सबसे अनुकूल दिशा है, तो दक्षिण पूर्व की ओर मुख वाला घर कॉस्मिक ऊर्जा से आसानी से जुड़ने में मदद करेगा। आपकी सबसे अनुकूल दिशा में मौजूद मुख्य द्वार, घर में कॉस्मिक ऊर्जा के निर्बाध प्रवाह की अनुमति देता है। आपके जन्म की तारीख के आधार पर आपके लिए सबसे अनुकूल दिशा होने के नाते, यह जीवन के सभी पहलुओं, विशेष रूप से कैरियर और धन में समग्र विकास में मदद करेगा। सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त करने के लिए आपके घर के सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कॉस्मिक ऊर्जा का उचित संतुलन होना चाहिए।
दूसरी सबसे अनुकूल दिशा: यदि दक्षिण पूर्व सबसे अनुकूल दिशा है, तो दक्षिण पूर्व की ओर मुख वाला घर कॉस्मिक ऊर्जा से आसानी से जुड़ने में मदद करेगा। आपकी सबसे अनुकूल दिशा में मौजूद मुख्य द्वार, घर में कॉस्मिक ऊर्जा के निर्बाध प्रवाह की अनुमति देता है। आपके जन्म की तारीख के आधार पर आपके लिए सबसे अनुकूल दिशा होने के नाते, यह जीवन के सभी पहलुओं, विशेष रूप से कैरियर और धन में समग्र विकास में मदद करेगा। सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त करने के लिए आपके घर के सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कॉस्मिक ऊर्जा का उचित संतुलन होना चाहिए।
तीसरी सबसे अनुकूल दिशा: यदि दक्षिण पूर्व आपकी तीसरी सबसे अनुकूल दिशा है, तो दक्षिण पूर्व की ओर मुख वाला घर परिसर में कॉस्मिक ऊर्जा के मुक्त प्रवाह की अनुमति देगा। यह शादी की संभावनाओं को बढ़ाने में मदद करेगा साथ ही एक खुशहाल वैवाहिक जीवन और परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ सामंजस्यपूर्ण संबंधों को बढ़ाने में मदद करेगा। हालांकि, सर्वोत्तम परिणामों के लिए, विवाह और रिश्तों को प्रभावित करने वाले क्षेत्रों के आसपास कॉस्मिक ऊर्जा का संतुलन सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
अंतिम अनुकूल दिशा: यदि दक्षिण पूर्व आपकी अंतिम अनुकूल दिशा है, तो दक्षिण पूर्व मुखी घर परिसर में कॉस्मिक ऊर्जा के निर्बाध प्रवाह की अनुमति देता है। यह ज्ञान बढ़ाने के साथ पढ़ाई में अच्छी एकाग्रता और उत्कृष्टता बढ़ता है। यदि परिणाम, ज्ञान और शिक्षा को प्रभावित करने वाले क्षेत्रों में कॉस्मिक ऊर्जा को संतुलित करने से बेहतर परिणाम प्राप्त किये जा सकते हैं।
इसलिए आप बिना किसी भी टूट-फूट या नवीकरण के, दक्षिण पूर्व मुखी घरों में एक सामंजस्यपूर्ण और सकारात्मक वातावरण बना सकते हैं। डॉ. श्री चंद्रशेखर गुरुजी के सरल वास्तु सिद्धांतों को अपनाने पर आप अपने घर और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला कर एक अच्छा जीवन व्यतीत कर सकते हैं।