“शयनकक्ष (बेडरूम) के लिए वास्तु” अथवा “शयनकक्ष (बेडरूम) के लिए वास्तु शास्त्र” के अंतर्गत बिस्तर की दिशा, बैडरूम में रखी जाने वाली विभिन्न वस्तुएं, शौचालय के दरवाजे की दिशा आदि शामिल हैं। शयनकक्ष में नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए कॉलम, बीम, कोनों और फर्नीचर में तेज़ किनारे नहीं होने चाहिए।
सामान्य तौर पर लोग सोचते हैं कि वास्तु के अनुसार बिस्तर की स्थिति पूर्व या दक्षिण की ओर होनी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं है।
गुरुजी के सरल वास्तु सिद्धांतों के अनुसार, बिस्तर की स्थिति व्यक्ति की जन्म तिथि के आधार पर होती है।
सही दिशा कॉस्मिक ऊर्जा के साथ 7 चक्रों को बढ़ाने में मदद करती है। अतः आपकी जन्म तिथि ही आपके बिस्तर की सही दिशा के बारे में बता सकती है।
आपके घर का सबसे महत्वपूर्ण भाग है आपका शयनकक्ष। यही वो जगह है जहाँ हम आराम और सुख का अनुभव करते है और यदि आप अपने शयनकक्ष को और अधिक शांतिपूर्ण व आरामदायक बनाना चाहते है तो वास्तु के अनुसार सही दिशा और उपाय ही उसके कारण होने वाली परेशानियों और तनाव को दूर करने में सहायता कर सकते है।
वास्तु, कमरे के रूपरेखा और बनावट के समय से ही, कई बातों को ध्यान में रखता है। शयनकक्ष को बनाते वक़्त उसमें रहने वाली सकारात्मक ऊर्जा पर मुख्य ध्यान दिया जाता है क्योंकि वास्तु के अनुसार शयनकक्ष ही आपके घर का वो कौना है जहां आप आराम करते हैं व हर रोज़ ऊर्जावान महसूस करते हैं। वास्तु शास्त्र में ऐसे कई नियम हैं जो आपके शयनकक्ष (बैडरूम) में सकारत्मक ऊर्जा पैदा कर के आपको स्वस्थ, स्फूर्तिवान व सक्रिय बनाये रख सकते हैं।
सामान्यतया माना जाता है कि शयनकक्ष की सही दिशा दक्षिण पश्चिम होती है जबकि ये हमेशा सही नहीं है।
गुरुजी के सरल वास्तु सिद्धांत के अनुसार, किसी भी व्यक्ति के शयनकक्ष की दिशा और स्थिति उसके जन्म-तिथि पर निर्भर करती है। उदाहरण के तौर पर राजेश की जन्मतिथि के आधार पर शयनकक्ष की अनूरूप दिशा पूर्व होगी जबकि श्याम के बिस्तर की सही दिशा दक्षिण पश्चिम होगी।
शयनकक्ष से संबंधित वास्तु के सामान्य मिथक निम्लिखित है:
19 साल के अपने अनुभव के द्वारा गुरुजी ने अपने लाखों अनुयायियों के जीवन पर गहरा सकारात्मक प्रभाव डाला है।
गुरुजी के वास्तु ज्ञान के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति पर वास्तु का प्रभाव उसकी जन्म-तिथि के अनुसार अलग-अलग पड़ता है। ये कोई एक जैसे नियमों का सेट नही है, जो सामान्य रूप से सभी पर लागू होता हो।