घर, दुकान, कार्यालय, कारखाने, कार्यशालाओं आदि में प्रवेश करने का एकमात्र स्थान होता है मुख्यद्वार। इसी मुख्यद्वार या प्रवेशद्वार से आप सभी आने वालों का स्वागत करते है। एक सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर मुख्यद्वार आने वाले व्यक्तियो के ऊपर एक अच्छा और सकारात्मक असर करता हैं। वास्तुशास्त्र में मुख्य द्वार की दिशा और स्थिति पर विशेष ध्यान दिया जाता है। यह परिसर के प्रत्येक क्षेत्र में सकारात्मक ऊर्जा को बहने का स्थान देता है। इसलिए किसी भी जगह का निर्माण करते समय वास्तु सिद्धांतो के अनुसार मुख्य द्वार के लिए वास्तु का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए। वास्तु शास्त्र आधारित निर्मित मुख्य द्वार सकारात्मक उर्जा के द्वारा घर के सदस्यों और अन्य रिश्तेदारों के बीच प्रेम पूर्ण और अच्छे सम्बन्ध और व्यापारिक संबंधो में अच्छा व्यवहार बनाए रखने में सहायक होता है।