हर व्यक्ति अपने जीवन में एक जीवनसाथी की तलाश में रहता है। विवाह हर किसी के लिए जीवन का एक महत्वपूर्ण भाग है। हालाँकि एक साथी चुनने की प्रक्रिया कई लोगों के लिए सिरदर्द बन सकती है। कुछ लोगों को देरी से विवाह का सामना करना पड़ता है। ऐसे में उन्हें परिवार व समाज के दबाव के चलते कई तरह के मानसिक अवसाद व परेशानी का सामना करना पड़ता हैं। आमतौर पर शादी या संबंध ना होने का कारण कुंडली दोष ही माना जाता है परन्तु इसका कारण वास्तु दोष भी हो सकता है जिस पर कोई ध्यान नहीं देता। अतः घर में वास्तु दोष को समाप्त करके उचित समय पर सही साथी की खोज को खत्म किया जा सकता है। इसके लिए गुरुजी द्वारा दिए गए सरल वास्तु के सिद्धांतों की मदद से भावी वर या वधु अपनी आंतरिक ऊर्जा को बढ़ाते हुए घर में सही दिशाओं व सही वास्तु की मदद से सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ा सकता है। इस तरह वो अपने सुखद विवाह के द्वार खोलते हुए संभावनाओं को बढ़ाता हैं।