सरल वास्तु का उद्देश्य प्राचीन वास्तु सिद्धांतो को अपनाकर लोगो को आसान तरीके से वास्तु ज्ञान और सिद्धांतो को समझाकर उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना है। इसलिए अगर आप अपने पूजा कक्ष को अधिक सकारात्मक और शांतिमय बनाना चाहते है तो सरल वास्तु के सरल व सुविधाजनक उपायों को अपनाएं और एक समृद्ध जीवन जियें।
घर के सबसे शुद्ध और निर्मल स्थानों में पूजा कक्ष को माना जाता है। यहीं से व्यक्ति अपने दिन की शुरुआत करता है। यही वो जगह है जहां बैठकर हम अपनी पूजा, प्राथनाएं और ध्यान करते हैं। पूजा कक्ष में देवताओं का निवास होता है इसलिए हम यहां शांति से जुड़ते है और शांति चाहते भी है। इसलिए हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि पूजा कक्ष में सामंजस्यपूर्ण, शांतिपूर्ण, शुद्ध और सकारात्मक वातावरण बनाया जाए।
गुरुजी के सरल वास्तु सिद्धांत कॉस्मिक ऊर्जा का उपयोग करते हुए जीवन को और अधिक सकारात्मक बनाते हैं। यह आपको दिशाओं के साथ जुड़ कर, संरचनाओ या ढाँचे को संतुलित करते हुए व चक्रों के साथ चैनलाइज़ करते हुए कॉस्मिक ऊर्जा को संतुलित करते हैं। यह संतुलित कॉस्मिक ऊर्जा आपके जीवन में खुशहाली व समृद्धि लाती है।
सरल वास्तु सिद्धांतों को अपनाने के बाद, आप अपने जीवन में सिर्फ 9 से 180 दिनों के भीतर अपने जीवन से जुड़ी अनेक समस्याओं को हल कर सकते हैं।
आपके जीवन में आ रही अनेक परेशानियों में शामिल है स्वास्थ्य संबंधित, धन से संबंधित, शिक्षा से संबंधित, विवाह संबंधित, रिलेशनशिप से संबंधित ,नौकरी या भविष्य से संबंधित, व्यवसाय से संबंधित, आदि अनेक समस्याएं
इन वस्तुओं के उपयोग से आपके घर का वातावरण अधिक शुद्ध और निर्मल होता है। साथ ही आपको भी आंतरिक सुख का अनुभव होने लगता है।
अपने जीवन में सरल वास्तु के उपायों को अपनाकर केवल 9 से 180 दिनों के भीतर अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव का अनुभव करें और सुखद जीवन की और एक कदम आगे बढ़े।
गुरुजी के सरल वास्तु सिद्धांतो के अनुसार, किसी व्यक्ति और परिवार को अपने जीवन में अनेक समस्याओं का सामना उनके भीतर व आस-पास मौजूद कॉस्मिक ऊर्जा के असंतुलन के कारण करना पड़ता है।
आप कॉस्मिक ऊर्जा को संतुलित करके अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाकर समस्याओं को दूर कर सकते हैं।
गुरुजी के सरल वास्तु सिद्धांत:
गुरुजी के अनुसार, किसी व्यक्ति के लिए सही दिशा केवल उसकी जन्म तिथि पर आधारित होती है